पटना: बिहार की राजनीति में रविवार को भूचाल आ गया जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। यही नहीं, उन्होंने उन्हें परिवार से भी बेदखल कर दिया।

लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक तीखा बयान जारी करते हुए कहा, “ज्येष्ठ पुत्र तेजप्रताप यादव का गैर-जिम्मेदाराना आचरण और असंयमित लोक व्यवहार हमारे पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के विरुद्ध है। उनकी गतिविधियां सामाजिक न्याय की हमारी ऐतिहासिक लड़ाई को कमजोर करती हैं, इसलिए उन्हें पार्टी और परिवार—दोनों से दूर करने का निर्णय लेता हूँ।”

लालू के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। तेजप्रताप, जो कभी पार्टी के फायरब्रांड नेता माने जाते थे, अब पूरी तरह से राजनीतिक और पारिवारिक पटल से बाहर कर दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के अंदर तेजप्रताप के रवैये को लेकर लंबे समय से असंतोष था, लेकिन इस बार लालू ने अपने फैसले से स्पष्ट संकेत दे दिया है कि संगठन और विचारधारा से कोई भी समझौता स्वीकार नहीं।

तेजप्रताप की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकता है।

यह सिर्फ परिवार का मामला नहीं, सामाजिक न्याय की सियासत में एक बड़ा मोड़ है।

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