रांची। झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन की पीएचडी डिग्री को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मरांडी ने कहा है कि हसन ने जिस ‘भारत वर्चुअल ओपन यूनिवर्सिटी’ से पीएचडी की डिग्री ली है, वह विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त नहीं है और उसका संबंध पाकिस्तान से बताया जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने इस पूरे प्रकरण को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला करार देते हुए कहा कि इस यूनिवर्सिटी की आड़ में देशविरोधी गतिविधियां चलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। NIA ने यह पत्र जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भेज दिया है।
इधर, बीजेपी ने भी पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। विवाद बढ़ता देख मंत्री हफीजुल हसन ने सोशल मीडिया से डिग्री से जुड़े सभी पोस्ट हटा लिए हैं। साथ ही, जिस यूनिवर्सिटी का जिक्र किया जा रहा है, उसकी वेबसाइट भी अब बंद हो चुकी है।
CBI अब यह जांच करेगी कि मंत्री हसन की डिग्री असली है या फर्जी, और क्या इस यूनिवर्सिटी का वाकई कोई पाकिस्तान कनेक्शन है।
प्रदेश की राजनीति में इस मुद्दे को लेकर हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इसे राज्य सरकार की साख पर सवाल बता रहा है, जबकि सत्ता पक्ष पूरी तरह बचाव की मुद्रा में है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है।