रांची। झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डिप्टी डायरेक्टर चिन्तन रघुवंशी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ₹20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. चिन्तन रघुवंशी पर आरोप है कि उन्होंने एक कारोबारी से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहत दिलाने के एवज में ₹5 करोड़ की मांग की थी, जो बाद में घटाकर ₹2 करोड़ कर दी गई. CBI ने यह कार्रवाई भुवनेश्वर में सर्च ऑपरेशन के दौरान की.

जानकारी के अनुसार, चिन्तन रघुवंशी भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी हैं और वर्तमान में ईडी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं. सीबीआई की टीम ने उनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद जाल बिछाया और पहली किस्त के तौर पर ली जा रही ₹20 लाख की रकम के साथ उन्हें धर-दबोचा.

ईडी की निष्पक्षता पर उठे सवाल

देशभर में आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली शीर्ष एजेंसी ईडी के वरिष्ठ अफसर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने से एजेंसी की निष्पक्षता और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष पहले से ही ईडी पर सत्ता पक्ष के इशारे पर काम करने का आरोप लगाता रहा है. अब एजेंसी के अंदर से भ्रष्टाचार की बू आने लगी है, जिससे इसकी साख को गहरा धक्का लग सकता है.

सीबीआई जुटी जांच में

CBI सूत्रों के अनुसार, चिन्तन रघुवंशी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा लिए गए हैं. छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच जारी है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस मामले में कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं.

सरकारी एजेंसियों की साख दांव पर

इस पूरे मामले ने एक बार फिर देश की शीर्ष जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बहस छेड़ दी है. जब ऐसे पदों पर बैठे अधिकारी ही कानून को ताक पर रखकर रिश्वतखोरी में लिप्त पाए जाएं, तो आम जनता का सिस्टम से भरोसा उठना स्वाभाविक है.

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