गिरिडीह :- उप विकास आयुक्त, स्मृता कुमारी की अध्यक्षता में गुरुवार को Save The Girl Child कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। कैंडल मार्च का रूट प्लान सदर अस्पताल, रीतलाल वर्मा चौक, मकतपुर चौक, कालीबाड़ी चौक होते हुए टावर चौक तक जाकर समाप्त हुई। छात्राएं हाथों में मोमबत्तियां लेकर शामिल हुईं और जागरूकता फैलाने के लिए नारे लगाए। छात्राओं ने नारे लगाए, बेटी है अनमोल उपहार, जीवन है उनका अधिकार और बेटी समृद्ध समाज का आधार है। मौके पर उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, जिला भीबीडी पदाधिकारी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

मौके पर प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त महोदया ने कहा कि इस कैंडल मार्च का उद्देश्य लोगों को बेटी के महत्व और उसकी शिक्षा के अधिकार के बारे में जागरूक करना था, ताकि समाज में बेटियों के प्रति समानता और सम्मान बढ़ सके। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देना, बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण, लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम एवं शोषण से मुक्ति, बालिकाओं के अस्तित्व की रक्षा एवं सुरक्षा, बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार शत प्रतिशत शिक्षा प्रदान करना है।

मौके पर सिविल सर्जन ने पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या के कारण लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या कम हो रही है। लिंग जांच करना व करवाना दोनों ही अपराध है। कार्यक्रम में बाल विवाह की प्रथा को रोकने तथा इसे प्रभावित बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए भारत सरकार के जरिये विशेष कानून के रूप में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बाल विवाह की रोकथाम में पुलिस की भूमिका की जानकारी दी गयी।

 

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